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एक प्रगतिशील संघर्ष, हरदोई के वॉर्ड- 21 के आँगन को महकाने के लिए

कई बार ऐसा होता है की लोग अपनी दूरदर्शिता की कमी के कारण तात्कालिक असुविधाओ से असहज महसूस करते है और भविष्य के स्वर्णिम अवसर की उपेक्षा करना शुरू कर देते है,तब कोई एक ऐसा होता है जो बदलाव की इस बयार को न रुकने देने के प्रण के साथ आता है और बदलाव की इस बयार मे सबको रंगते हुए, लोगों के जीवन को महकाना शुरू करता है, और लोग इस बदलाव को सहसर्ष अपनाते है। ऐसा ही कुछ हुआ उत्तर-प्रदेश के शहर हरदोई के वॉर्ड संख्या- 21 मे, डीसीएम श्रीराम फाउंडेशन के सहयोग से, फिनिश सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छाग्रह कार्यक्रम के दौरान।

जब जिले में परियोजना की शुरूवात की गई तो नगर आयुक्त के उत्साह की वजह से परियोजना को हरदोई जिले के दो मुख्य वार्डों की जिम्मेदारी मिली थी जो कि वार्ड-21 और वार्ड-5 है, जहां वार्ड-21 की अपनी महत्वता इस बात से है की जिले के अधिकांश सरकारी दफ्तर, जिलाधिकारी का घर, नगर निगम कार्यालय इसी वार्ड मे है, वही वार्ड-5 जिले का सबसे अधिक आबादी वाला मुहल्ला है। तो इस कहानी में हम अपनी टीम का वॉर्ड-21 से जुड़ा एक दिलचस्प सफर बताना चाहते हैं,

जब हमें परियोजना शुरू करने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां मिल गईं, उस समय हमारी मूल आवश्यकता एक खाली स्थान के लिए थी जहां हमने एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई की स्थापना करनी थी,यह भूमि हमें नगरपालिका कार्यालय के परिसर में ही मिल गई, नगरपालिका कार्यालय के परिसर मे ही 20 से अधिक दुकानें और कई संस्थानो के कार्यालयों भी स्थित हैं,

जिस वक्त परियोजना के लिए यह भूमि आवंटित हुई उस समय यह स्थान कचरे से भरा हुआ था और आम तौर पर इसका उपयोग कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों और अन्य कार्यालयों के द्वारा अपने वाहनों के लिए पार्किंग के रूप में किया जाता था, और उसी के पास इन सबके द्वारा अपना कचरा डंप किया जाता था,

Figure 2- अपशिष्ठ प्रबंधन की व्यवस्था

 जब फिनिश सोसाइटी ने यूनिट का निर्माण शुरू किया तो पहले दिन से ही दुकानदार और अन्य कार्यालय के लोग इसका विरोध करने लगे, जबकि हम समझ नहीं पा रहे हैं कि इसके पीछे क्या कारण था क्योंकि हम गंदगी के उस भीषण अम्बार को ही साफ कर रहे थे जो की सभी के लिए अच्छा था, इसलिए हमने सभी दुकानदारों से चर्चा की और उनके विरोध के कारण को समझने की कोशिश की।

इस चर्चा के उपरांत हमने जो मुख्य वजह समझी वह यह थी की, यहाँ 20 से अधिक अलग-अलग दुकानें हैं, राजनीतिक दलों के कार्यालय और इंडेन गैस सेवा का प्रशासनिक कार्यालय है, इसलिए उन सभी में उनके ग्राहको और मेहमानो का आना जाना लगा रहता हैं और उन्होंने सोचा कि जब प्रबंधन इकाई शुरू होगी तो कंपोस्टिंग और कचरे की दुर्गंध उन्हें परेशान कर सकती है, इसलिए स्थिति जानने के बाद टीम के विशेषज्ञ विवेक सिंह ने सभी के साथ एक बैठक आयोजित की और कंपोस्टिंग की गंध के पीछे का कारण बताया की यदि कूड़े मे नमी होगी और उसका प्रबंधन ठीक से न हो इसी स्थिति मे दुर्गंध आएगी, और सभी को आश्वस्त किया कि टीम अपशिष्ट प्रबंधन और कंपोस्टिंग की नवीनतम तकनीकों अवगत है और गंध आने की संभावना न के बराबर है, विवेक जी के इस प्रेरक संवाद ने काम किया और हर कोई इकाई के निर्माण के लिए सहमत हो गया । लेकिन फिर भी, दुकानदारों में भ्रम की स्थिति थी की पता नहीं आगे क्या होगा।

समय व्यतीत होता है, और हरदोई वॉर्ड-21 की इस DSWM इकाई का उद्घाटन सीडीओ आकांक्षा राणा द्वारा 2 अक्टूबर 2022, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पंडित लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस के शुभवसर पर किया गया। FINISH SOCIETY के प्रयासों से DSWM इकाई  ने काम करना तो शुरू कर दिया लेकिन तत्काल ही टीम के सामने मुख्य चुनौतियों ने पाव पसारना शुरू कर दिया। कचरे की उचित और बिना गंध वाली खाद बनाने के लिए शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती है, लेकिन जैसे ही इकाई पर काम शुरू हुआ उसी वक्त जिले मे भारी वर्षा शुरू हो गई और एकत्रित अपशिष्ट मे आवश्यकता से काफी अधिक नमी हो गई, और कुछ दिनों मे ही कचरे से दुर्गंध आना शुरू हो गई और जब परिसर में दुर्गंध फैली तो सभी दुकानदार श्री विवेक जी से मिलने आ गए और उनसे उनकी पिछली टिप्पणियों के बारे में पूछा जो उन्होंने इकाई के निर्माण से पहले साझा की थी की किसी प्रकार की दुर्गंध नहीं आएगी, अब विवेक जी स्वयं किंकर्तव्यविमूढ़ इस समस्या से परेशान थे उन्हे समझ ही नहीं या रहा था की लोगों को क्या कहे क्युकी प्रकृति पर किसी का जोर नहीं है, लेकिन विवेक जी इतना तो जानते थे की जो लोग आज त्रस्त है और इन्हे भला बुरा कह रहे है, भविष्य मे यही लोग इस कार्य के लिए इन्हे सराहेंगे इस बात से ही विवेक जी और उनकी टीम को मनोबल मिल रहा था, इस वक्त विवेक जी और उनकी टीम ने लोगों को अधिक समझाने की जगह सिर्फ यह आश्वस्त किया की हमे मात्र 1 हफ्ते का समय दे और यदि फिर भी दुर्गंध का कोई समाधान न मिले तो वो सब इस बात की शिकायत नगर निगम मे कर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित कर सकते है, इस बात पर लोगों ने इन्हे 1 सप्ताह का समय दिया।

 लोगों मे इस बात की जागरूकत तो पनपना शुरू हो चुकी थी की यह इकाई इन्ही लोगों के लाभ के लिए है, इसलिए कुछ लोगों ने दबाव बनाने का प्रयास किया और यह कहा की इस यूनिट को तुड़वा दिया जाएगा तो कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों अन्य कार्यालयों के लोगों ने फिनिश सोसाइटी की टीम का साथ दिया और इस बात का विरोध भी किया की इस यूनिट को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुँचाया जाए।

   इस गंध की समस्या का तत्काल स्तर पर हल करने के लिए एक हरे जाल के साथ पूरी इकाई को छुपा दिया गया, लेकिन यह उचित समाधान नहीं था, क्योंकि गंध का मुख्य कारण भारी नमी थी और वहाँ इसे कम करने के लिए कुछ भी नहीं था।

उस समय मिस्टर विवेक के दिमाग में एक विचार आया कि नमी को कम करने के लिए जैसे गाँव के किसान लकड़ी का बुरादा और भूसे का उपयोग करते है ठीक वैसा ही फिनिश सोसाइटी की टीम ने करना शुरू कर दिया और यह विचार काम कर गया, दोनों चीजों ने कचरे से नमी को अच्छी तरह से अवशोषित कर लिया और भूसे ने कंपोस्ट के लिए इकट्ठा कूड़े के बीच हवा के बेहतर संचलन के लिए कुछ जगह बना ली, और इसके कारण दुर्गंध तुरंत चली गई थी, अगले दिन इस विधि का उपयोग करने के बाद परिसर में कोई गंध नहीं थी कि सभी दुकानदार इकाई पर इकट्ठा होने लगे क्योंकि वे सभी जानना चाहते थे कि श्री विवेक द्वारा कचरे के साथ ऐसा  क्या किया गया की दुर्गंध रातों रात समाप्त हो गई,

   वह क्षण श्री विवेक का था और उन्होंने संक्षेप में उन सभी को समझाया कि कैसे नमी के कारण कचरे से इतनी बुरी गंध आती है और इस गंध को रोकने के लिए लकड़ी के बुरादे और भूसे ने क्या किया। यह जानने के बाद परिसर के सभी दुकानदारों को अपने पिछले व्यवहार पर शर्मिंदगी महसूस हुई।

इस सबके कुछ दिनों बाद जब राज्य शिक्षा मंत्री अपने क्षेत्र के भ्रमण पर थी और उन्होंने इस यूनिट को देखा तो उनके द्वारा भी परियोजना और इस यूनिट के कार्य की प्रशंसा की गई और टीम को सम्मानित भी किया। इस सम्मान ने वॉर्ड के लोगों के बीच कार्यक्रम के प्रति विशेष जागरूकता लाने का काम किया।

परियोजना में अब तक हम वार्ड-21 के 555 घरों में से 302 घरों से कचरा एकत्र करते हैं, इकाई ने कुल 10 टन कचरे का प्रबंधन किया और 1500 किलोग्राम खाद तैयार की, इस खाद की मदद से कॉम्प्लेक्स के अंदर ही कई हर्बल पौधे, जैविक सब्जी, फूल आदि उगाए गए है, जिससे कॉम्प्लेक्स की सुंदरता मे चार चाँद लग गए जिस यूनिट की दुर्गंध को लेकर दुकानदार संशय मे थे और विरोध कर रहे थे आज उसी यूनिट के बदोलत पूरा कॉम्प्लेक्स महकता है लोग दूर-दूर से यहाँ की सुंदरता देखने आते है।

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