हरदोई के सेवा निवृत्त कर्मचारी की स्वच्छता की दिशा में एक नई शुरुआत।
हरदोई जनपद में, डीसीएम श्रीराम-फाउंडेशन के सहयोग से फिनिश-सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे, खुशहाली स्वच्छता परियोजना के अंतर्गत हमारी टीम को अनेकों उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ा, कई बार ऐसी स्थितियाँ आई जब विकटतम परिस्थितियों से भी हम सफलता पूर्वक निकल पाए क्योंकि हमें कुछ ऐसे लोगों का सहयोग मिला जिन्होंने निःस्वार्थ भाव से समाज की भलाई को समझते हुए फिनिश-सोसाइटी की टीम का भरपूर सहयोग किया। ऐसा ही सहयोग हमें मिला, हरदोई नगर निगम, वॉर्ड- 5 गुप्ता कॉलोनी के निवासी श्री राजेश कुमार जी द्वारा।
जब फिनिश सोसाइटी की टीम अपने कार्य के दौरान वॉर्ड संख्या-5 में स्वच्छता कार्यकर्मों को प्रगति देने हेतु प्रयासरत थी, उस वक़्त तक लोगों का कूड़े को सूखे-गीले मे अलग-अलग छाँटना और स्वच्छता कर्मी को उसकी गाड़ी के पास आकर देना, उनके दैनिक व्यवहार का हिस्सा नहीं बन सका था। जब बारम्बार टीम के सदस्यों द्वारा मोहल्लेवासियों को उनके व्यवहार में बदलाव के लिए कहा जाने लगा और गलत व्यवहार पर टोका जाने लगा तो टीम के सदस्यों को लोगों के भरपूर विरोध का सामना करना पड़ा। जहाँ एक ओर कुछ लोग इस संशय में थे, की हरदोई जैसे छोटे जनपद मे इस तरह का अच्छा कार्य कितने समय तक ही संपादित हो सकता है,
सरकारी विभागों के ऊंचे पदों पर आसीन दो होनहार पुत्रों के पिता राजेश जी , सेवानिवृत्ति के बाद भी समाज के कल्याण मे लगे रहते हैं, अगर चाहें तो पूरे ऐशोआराम से अपना सेवानिवृत्ति काल काट सकते हैं, लेकिन यह, समाज को बेहतर बनाने का जज़्बा ही है, जिस वजह से राजेश जी कहते हैं की उन्हे घर पर आराम से ज्यादा आनंद, समाज के लिए कुछ काम करने पर मिलता है।
वहीं कुछ लोगों का मानना था, क्योंकि नगर-निगम के चुनाव होने वाले हैं, इसलिए इस प्रकार के कार्य शुरू हो गए हैं। इन तमाम समस्याओं को दरकिनार कर, टीम अपने पूरे मनोबल के साथ अपने कार्य में लगी हुई थी। इसी सबके बीच वॉर्ड-5 के ही एक मोहल्ले, गुप्ता कॉलोनी में कार्य प्रारंभ हुआ।
जब टीम गुप्ता कॉलोनी पहुँची तो उनकी सबसे पहली मुलाकात श्री राजेश कुमार जी से हुई, जो की इसी गुप्ता कॉलोनी के निवासी थे, राजेश जी ने टीम से बात कर यह जाना और समझा की संस्था और इस कार्यक्रम का लक्ष्य वास्तव में है क्या। इसके बाद राजेश जी ने अपने 13 घरों के छोटे से मोहल्ले से सहयोग प्रारंभ किया। अब गुप्ता कॉलोनी से प्रतिदिन कूड़ा उठने लगा और कुछ ही समय में इस छोटी सी कॉलोनी की काया पलट हो गई। राजेश जी, जो कि बाराबंकी जनपद में पूर्व-सहायक विकास अधिकारी रह चुके थे, उन्हे अपने इस प्रयास की सफलता से बहुत ही अधिक खुशी मिली और अब उन्होंने टीम के साथ जाकर अन्य मोहल्ले के लोगों को भी समझाना शुरू कर दिया और अपने गुप्ता कॉलोनी मोहल्ले का उदाहरण प्रस्तुत करना शुरू किया, धीरे- धीरे लोगों को अब तक किए जा रहे अपने व्यवहार से बड़ी लज्जा महसूस हुई और सबने प्रण लिया कि अब से वो सब अपने घर के सूखे और गीले कूड़े को अलग-अलग करके ही सफाई साथी को देंगे।वर्तमान में भी, श्री राजेश कुमार जी का सहयोग अनवरत रूप से प्राप्त हो रहा है। प्रतिदिन राजेश जी सुबह-सुबह हमारी टीम या स्वच्छता गाड़ी के साथ ही वॉर्ड में निकल जाते हैं और व्यक्तिगत रूप से लोगों को समझाना शुरू कर देते हैं।
श्री राजेश कुमार जी जैसे स्वयंसेवियों के सहयोग ने ही हमारे कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनके जैसे ही सरकारी कर्मचारी होते हैं, जो सेवानिवृत्ति के बाद भी समाज के कल्याण में लगे रहते हैं। राजेश जी चाहते, तो पूरे ऐशोआराम से अपना सेवानिवृती काल काट सकते हैं, जहाँ उनका एक पुत्र रेलवे का उच्च अधिकारी है वहीं दूसरा पुत्र आयकर विभाग का उच्च अधिकारी। लेकिन राजेश जी ने समाज के उत्थान हेतु न सिर्फ फिनिश सोसाइटी के साथ जुड़कर कार्य किया, बल्कि दहेज विरोध, नशा मुक्ति जैसे अनेक अन्य कार्यक्रमों मे जुड़कर समाज की भलाई के लिए सदैव सक्रिय रहते हैं।